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16 Jan 2024 · 1 min read

शख्शियत

इस कदर मुझे तन्हा
छोड़ जाओगे कहां
जिधर जा रहे हो
हमें पाओगे वहां ।

घाव देकर मुझे क्या
तुम चैन से सो पाओगे,
रात दिन ख्यालों में
मुझको पाओगे सदा ।

दिन गुजार लोगे
रात काट ना पाओगे
जब भी रहोगे अकेले
मुझे यादों में पाओगे ।

शख्सियत जो बनाई है
खून को पसीना बनाकर,
बहने नहीं दूंगा इसे
नदी को दरिया में मिलाकर ।

Language: Hindi
2 Likes · 1457 Views
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