Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2024 · 1 min read

लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई

लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
बुढ़वा ला छोड़व नहीं चाहे जितना ओड ले रजाई… ठंड

1 Like · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

विदेह देस से ।
विदेह देस से ।
श्रीहर्ष आचार्य
मोहन का परिवार
मोहन का परिवार
जय लगन कुमार हैप्पी
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
धोखा देती है बहुत,
धोखा देती है बहुत,
sushil sarna
खुशियों की दीवाली हो
खुशियों की दीवाली हो
sushil sharma
''तुमसे मिलना है''
''तुमसे मिलना है''
शिव प्रताप लोधी
रौद्र, सममात्रिक,
रौद्र, सममात्रिक,
n singh
*अभी और कभी*
*अभी और कभी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
होली तो मनभावन त्यौहार है..
होली तो मनभावन त्यौहार है..
सुशील कुमार 'नवीन'
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
**सत्य**
**सत्य**
Dr. Vaishali Verma
सेवानिवृत्ति
सेवानिवृत्ति
Khajan Singh Nain
कुछ हम लड़के भी है  जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
कुछ हम लड़के भी है जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
पूर्वार्थ
नीला ग्रह है बहुत ही खास
नीला ग्रह है बहुत ही खास
Buddha Prakash
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
Acharya Rama Nand Mandal
हम जीत जाएँगे-तप्तेश कुमार मेवाल
हम जीत जाएँगे-तप्तेश कुमार मेवाल
Taptesh Kumar Mewal
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
*मंजिल*
*मंजिल*
Priyank Upadhyay
अच्छा नहीं कर सकते तो------------------- ?
अच्छा नहीं कर सकते तो------------------- ?
gurudeenverma198
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
जा चला जा दिसंबर....
जा चला जा दिसंबर....
Jyoti Roshni
तेरा मेरा साथ कहा तक -
तेरा मेरा साथ कहा तक -
bharat gehlot
..
..
*प्रणय प्रभात*
मेरी मैया स्नेह भूलूं कैसे,हर घड़ी हर पल प्रेम की मुझ पर बरस
मेरी मैया स्नेह भूलूं कैसे,हर घड़ी हर पल प्रेम की मुझ पर बरस
Brandavan Bairagi
घुंघट में
घुंघट में
C S Santoshi
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
शेखर सिंह
मनुष्य
मनुष्य
Sanjay ' शून्य'
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
Rj Anand Prajapati
Loading...