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13 Jan 2024 · 1 min read

तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,

तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
तुम मानो या न मानो हक़ीक़त है यही बस।
निःस्वार्थ निश्छलता स्नेह भरा मन,
तेरा एहसास रुबरु है मेरे हर पल।।
न समझो तुम तो मुझे गिला नहीं,
पर मेरे दिल में तुम ही हो हर पल।।

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