Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2024 · 1 min read

मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे

मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब तुम मेरे।
रहोगे अब तो नजरों में, सदा बन ख्वाब तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह————————-।।

बुरी नजरों से छुपाकर, रखूंगा तुमको हमेशा।
रहोगे बनके जीवन में, सदा संगीत तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह———————।।
—————————————————————
(शेर )- मत रखना छुपाकर कभी, कोई राज़ तुम मुझसे।
पी लूंगा अपने आँसू मैं, मत छुपाना दर्द तुम मुझसे।।
—————————————————————-
लाऊंगा मैं बहारें दोस्त, सदा खुश रखने को तुमको।
रहोगे बनके सितारा, सदा संग दोस्त तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह——————।।
———————————————————
(शेर )- रहना बनकर हमसाया मेरा, मेरे साथ साथ तुम चलना। करना नहीं कभी मुझको नाउम्मीद, बनकर हमदर्द तुम रहना।।
———————————————————-
बनाकर ताजमहल मैं, रखूंगा उसमें तुम्हें मुमताज़।
रहोगे बनके सिर का ताज, सदा संग में तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला – बारां(राजस्थान )

214 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हमराही हमसफ़र मेरे,
हमराही हमसफ़र मेरे,
Radha Bablu mishra
संवेदना
संवेदना
Neeraj Kumar Agarwal
मैं रीत लिख रहा हूँ
मैं रीत लिख रहा हूँ
कुमार अविनाश 'केसर'
तूने ख़ामोश कर दिया वरना,
तूने ख़ामोश कर दिया वरना,
Dr fauzia Naseem shad
इंतज़ार
इंतज़ार
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
"There comes a time when you stop trying to make things righ
पूर्वार्थ
आदित्य निसर्ग
आदित्य निसर्ग
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
बहुत कुछ सीखना ,
बहुत कुछ सीखना ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
जीवन शैली
जीवन शैली
OM PRAKASH MEENA
4347.*पूर्णिका*
4347.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं पुकारंगी तुम्हें
मैं पुकारंगी तुम्हें
Saraswati Bajpai
मेरे पास OPTIONS की कमी नहीं थी मेरी जान,
मेरे पास OPTIONS की कमी नहीं थी मेरी जान,
Ravi Betulwala
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Hello88 là nhà cái casino online nổi bật trên thị trường Với
Hello88 là nhà cái casino online nổi bật trên thị trường Với
Hello88
■दम हो तो...■
■दम हो तो...■
*प्रणय प्रभात*
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
माचिस उनके जेब की
माचिस उनके जेब की
RAMESH SHARMA
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
gurudeenverma198
जिंदगी आगाज है
जिंदगी आगाज है
Manoj Shrivastava
લેવી હોય તો લઇ લો
લેવી હોય તો લઇ લો
Iamalpu9492
कृष्ण
कृष्ण
श्रीहर्ष आचार्य
जीवन के उलझे तार न सुलझाता कोई,
जीवन के उलझे तार न सुलझाता कोई,
Priya princess panwar
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
मैं(गाँव) तड़प रहा हूँ पल-पल में
Er.Navaneet R Shandily
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
"अः शब्द है मजेदार"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...