सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
संवेदना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
रक्तदान पर कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर
People often think that living out of state or country alone
इंस्टा पे क्लोज फ्रेंड बनाके ❤ दिल में ब्लॉक किए बैठे हो।।
मैं हूँ, मुर्दा या जिंदा....
मोबाइल ने सबको है धंधे पे रखा,
क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया।
हे सब कुछ नजरों के सामने ही मगर
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
सात वचन,सात फेरे सब झूठ निकले।
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,