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27 Dec 2023 · 1 min read

अहंकार

अहंकार का बोझ उठेना, अहंकार है भारी रे।
अहम जहां तक है रे जिन्दा, अहम खुदी पे भारी रे।।1।।

अहंकार में पड़े जो प्राणी, प्राणी ना वो प्राणी रे।
अहंकार ना दिखे खुद का, अहंकार है वाणी रे।।2।।

अहंकार के वश में जो हैं, नुकसान सदा ही अपना रे।
अहंकार से बचके रहना, आसान नहीं है इतना रे।।3।।

अहंकार के घर मे जानो, अपना ना कोई अपना रे।
जबतक अहम करोगे खुद पे, अहम रहेगा जिन्दा रे।।4।।

अहंकार का त्याग करो तुम, अहंकार है शत्रु रे।
अहंकार ने मारा रावण, ज्ञानी बहुत था वो भी रे।।5।।

अहंकार से बचके रहना, कमी दिखे ना अपनी रे।
अहंकार ने मारे कौरव, संख्या बहुत थी भारी रे।।6।।

अहंकार तो ऐसी दीमक, खुद को खाती रहती रे।
ना हो यकी तो देखो फिर तुम, कंस यही पे होते रे।।7।।

माया का ही रूप अहंकार, पड़े अक्ल पे पर्दा रे।
जपो नाम तुम हरदम हरि का, हटे अज्ञान का पर्दा रे।।8।।

Language: Hindi
1 Like · 185 Views
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