Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2023 · 1 min read

एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के

एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के करीब लाती है,पंछी – फूल दिखाती है -फोन नहीं !

344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dheerja Sharma
View all

You may also like these posts

*जाते कुंभ प्रयाग में, किस्मत वाले लोग (कुंडलिया)*
*जाते कुंभ प्रयाग में, किस्मत वाले लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
Sanjay ' शून्य'
हर घर एक तिरंगे जैसी
हर घर एक तिरंगे जैसी
surenderpal vaidya
_ऐ मौत_
_ऐ मौत_
Ashwani Kumar Jaiswal
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
दोहा सप्तक. . . . हिन्दी
दोहा सप्तक. . . . हिन्दी
sushil sarna
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कहते है ये
कहते है ये
manjula chauhan
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
श्री गणेश वंदना
श्री गणेश वंदना
Kumud Srivastava
कितना गलत कितना सही
कितना गलत कितना सही
Dr. Kishan tandon kranti
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत  का खौफ।
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत का खौफ।
अश्विनी (विप्र)
उठो मुसाफिर कुछ कम करो
उठो मुसाफिर कुछ कम करो
कार्तिक नितिन शर्मा
गतवर्ष से नववर्ष तक
गतवर्ष से नववर्ष तक
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
मानव युग
मानव युग
SURYA PRAKASH SHARMA
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
DrLakshman Jha Parimal
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
मतदान करो मतदान करो
मतदान करो मतदान करो
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
अंसार एटवी
"शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग"
Ajit Kumar "Karn"
बन गई हो एक नगमा।
बन गई हो एक नगमा।
Kumar Kalhans
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
Ravi Betulwala
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
होली
होली
Dr Archana Gupta
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
jogendar Singh
आलस मेरी मोहब्बत है
आलस मेरी मोहब्बत है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
Rituraj shivem verma
तुम्हारे प्यार से ही सब कुछ मुझे सौगात मिला !
तुम्हारे प्यार से ही सब कुछ मुझे सौगात मिला !
पूर्वार्थ
Loading...