Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2023 · 2 min read

अदम गोंडवी

कविता को क्रान्ति और विद्रोह की मशाल बनाने वाले शख्स का नाम है- अदम गोंडवी। वे ऐसे कलमकार थे, जिसे अपनी रचनाओं और गाँव के अलावा यदि किसी से प्रेम था, तो वह थी-मदिरा। अदम के प्रशंसकों का एक बड़ा दायरा भी था, जो रुपये-पैसों से उनकी मदद करते थे। फटे कपड़े से तन ढँके हुए जहाँ से वो गुजरता था, वो पगडण्डी सीधे अदम के गाँव जाती थी। 22 अक्टूबर 1947 को स्वतंत्र भारत में जन्में अदम गोंडवी की आज यानी 18 दिसम्बर 2024 को तेरहवीं पुण्यतिथि है।

अदम गोंडवी निराले व्यक्तित्व के आसामी थे। वे जीवन भर उन तबकों की आवाज बने रहे, जिन्हें न तो दो वक्त की रोटी नसीब होती थी और न ही जिनके सर पर छत थी। वे बड़ी बेबाकी से न केवल सत्ता से सवाल करते रहे, वरन् अभिव्यक्ति के सारे खतरे भी उठाते रहे। मसलन :
देखना सुनना व सच कहना जिसे भाता नहीं,
कुर्सियों पर फिर वही बापू के बन्दर आ गए।

दुष्यन्त कुमार ने शायरी की जिस नीति की शुरुआत की थी, अदम ने उसे उस मुकाम तक पहुँचाने के अथक प्रयास किये, और काफी हद तक वे सफल भी रहे। एक नज़र :
जो उलझ कर रह गई है फाइलों के जाल में,
गॉंव तक वह रौशनी आएगी कितने साल में।

अदम की ठेठ गँवाई अन्दाज में महानगरीय चकाचौंध को अंगूठा दिखाने वाली अदा सबसे जुदा और विलक्षण थी। बिना लाग-लपेट के आक्रामकता और तड़प से सने हुए व्यंग्य इसके साक्षी हैं। मसलन :
बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को,
भूख ले जाती है ऐसे मोड़ पर इंसान को।

मुशायरों की महफ़िल जब सजती थी तो अदम के माइक पर आते ही हवा के रुख और रंगीनियाँ दोनों ही बदल जाते थे। उनकी इन पंक्तियों पर जरा गौर फरमायें :
कहने को कह रहे हैं मुबारक हो नया साल,
खंजर भी आस्तीं में छुपाए हुए हैं लोग।

दर्द की जमीन पर तकलीफों के साये में पानी की जगह आँसू पीकर जीने वाले अदम गोंडवी साहब को शत शत नमन् करते हुए उनकी ही रचना की चन्द पंक्तियाँ श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत है :

(1)
किधर गए वो वायदे सुखों के ख़्वाब क्या हुए,
तुझे था जिसका इन्तजार वो जवाब क्या हुए?

(2)
कल जब मैं निकला दुनिया में
तिल भर ठौर देने मुझे मरघट भी तैयार न था।

आलेख
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
हरफनमौला साहित्य लेखन के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
Tag: लेख
7 Likes · 5 Comments · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
Manisha Manjari
आँसू
आँसू
शशि कांत श्रीवास्तव
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
monalisa
monalisa
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिता
पिता
Harminder Kaur
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
Dr Tabassum Jahan
औरत
औरत
MEENU SHARMA
आज पुराना हो गया,
आज पुराना हो गया,
Sushil Sarna
गिरफ्त में रहे
गिरफ्त में रहे
Kumar lalit
Compassionate companion care services in Pikesville by Respo
Compassionate companion care services in Pikesville by Respo
homecarepikesville
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
नई दृष्टि
नई दृष्टि
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"महक" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"शाही व्यंजन"
Dr. Kishan tandon kranti
सांसदों का वेतन, भत्ते और सुविधाएँ
सांसदों का वेतन, भत्ते और सुविधाएँ
अरशद रसूल बदायूंनी
मेरी अभिलाषा है
मेरी अभिलाषा है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आपकी गुड-मॉर्निंग व गुड-नाइट में इतना
आपकी गुड-मॉर्निंग व गुड-नाइट में इतना "गुड़" भी नहीं होना चाह
*प्रणय प्रभात*
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि
दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि
sushil sarna
4378.*पूर्णिका*
4378.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छलावा बन गई दुल्हन की किसी की
छलावा बन गई दुल्हन की किसी की
दीपक झा रुद्रा
आनलाइन कथा
आनलाइन कथा
Padmaja Raghav Science
दोस्ती
दोस्ती
Dr fauzia Naseem shad
आज़ाद परिंदे
आज़ाद परिंदे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुष्प की व्यथा
पुष्प की व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
इजहारे मोहब्बत
इजहारे मोहब्बत
Vibha Jain
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
Jyoti Roshni
संपूर्ण विश्व का आधा भाग महिलाएं हैं, उनके प्रति उपेक्षिता ए
संपूर्ण विश्व का आधा भाग महिलाएं हैं, उनके प्रति उपेक्षिता ए
इशरत हिदायत ख़ान
कलियुग
कलियुग
Dr.sima
Loading...