Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2023 · 1 min read

हम न रोएंगे अब किसी के लिए।

गज़ल

2122/1212/22(112)
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
है तेरी आरज़ू खुशी के लिए।1

तू है अनजान ये ही मान लिया।
कौन‌ रोता है अजनबी के लिए।2

प्यार का इक यही सिला होगा,
बैठे तैयार खुदकुशी के लिए।3

रो के गम और क्यों बढ़ाना है,
इतने काफी हैं जिंदगी के लिए।4

दिल ये उल्फत में डूब जाएगा,
फिर भी पागल है आशिकी के लिए।5

छोड़ दे यार उसको जाने दे,
लोग आये हैं रुख्सती के लिए।6

इश्क में डूब कर जो लेते मजा,
‘प्रेमी’ मरते हैं बेख़ुदी के लिए।7

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

जल है, तो कल है - पेड़ लगाओ - प्रदूषण भगाओ ।।
जल है, तो कल है - पेड़ लगाओ - प्रदूषण भगाओ ।।
Lokesh Sharma
गांव जीवन का मूल आधार
गांव जीवन का मूल आधार
Vivek Sharma Visha
मिल गई है शादमानी
मिल गई है शादमानी
Sarla Mehta
"तोर सुरता"
Dr. Kishan tandon kranti
आती है जाती है , दिल को भी लुभाती है ,
आती है जाती है , दिल को भी लुभाती है ,
Neelofar Khan
दोहा एकादश. . . . . सावन
दोहा एकादश. . . . . सावन
sushil sarna
चाटिये
चाटिये
Kunal Kanth
*मतदान करें*
*मतदान करें*
नवल किशोर सिंह
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
Phool gufran
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
मुमकिन हो जाएगा
मुमकिन हो जाएगा
Amrita Shukla
क्या 'तेवरी' एक विधा? डॉ. विशनकुमार शर्मा
क्या 'तेवरी' एक विधा? डॉ. विशनकुमार शर्मा
कवि रमेशराज
पिता
पिता
Mansi Kadam
आशा की किरण
आशा की किरण
Neeraj Kumar Agarwal
कर के श्रृंगार न दर्पण निहारा करेंगे
कर के श्रृंगार न दर्पण निहारा करेंगे
Jyoti Roshni
मेरी (ग्राम) पीड़ा
मेरी (ग्राम) पीड़ा
Er.Navaneet R Shandily
4684.*पूर्णिका*
4684.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पश्चाताप
पश्चाताप
रुपेश कुमार
सुन्दरी सवैया
सुन्दरी सवैया
Rambali Mishra
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है
प्रेमदास वसु सुरेखा
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
- में लेखक तुम मेरी लेखिका -
- में लेखक तुम मेरी लेखिका -
bharat gehlot
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
सबको राम राम राम
सबको राम राम राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खवाब
खवाब
Swami Ganganiya
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...