Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2023 · 1 min read

✒️कलम की अभिलाषा✒️

✒️कलम की अभिलाषा✒️

लिख दूँ ऐसे गुर सबल
वेदना को पीड़ा खल सके।
लड़ सके निःशब्द उल्फत
अमन दीप फिर जल सके।

अदब है मेरा, वीर मैं
मस्तिष्क लीला उकेरता।
हाथ नहीं अवतार हूँ
शोषित पर हाथ फेरता।

प्रेम क्षुधा बिखेर दूँ
तमस मन का निचोड़ दे।
अल्हाद से गगन भरा
मैं लिखूँ वो ओढ़ ले।

बागबान मेरी कलम
गुलिस्तां वतन मेरा।
चीर कर तमस गरल
ले जाये वो सफेरा।

जिल्द साज उस बोध का
भावना की शीत हूँ।
मैं मधुर अँगड़ाई लूँ
विहान की मति रचूँ।

पहल धूर्त पे सरेआम हो
शंखनाद हुंकार हो।
कत्ल की मुझमें धार नहीं
पर कृपाण का प्रहार हो।

मैं लिखूँ विलख उठे
कुटिलता भी मर सके।
चमक उठे ओज भी
बुराइयां ना ठहर सके।

सुरेश अजगल्ले “इन्द्र”

Language: Hindi
3 Comments · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*कदर ना कर सके मेरी वफाओं का*
*कदर ना कर सके मेरी वफाओं का*
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा
Shweta Soni
मिल के बिछड़ गये,
मिल के बिछड़ गये,
Dr fauzia Naseem shad
कड़वाहट का आ गया,
कड़वाहट का आ गया,
sushil sarna
" कल्पना "
Dr. Kishan tandon kranti
उपचार
उपचार
विशाल शुक्ल
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
Atul "Krishn"
हमारा ये जीवन भी एक अथाह समंदर है,
हमारा ये जीवन भी एक अथाह समंदर है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙅आत्म-कथ्य🙅
🙅आत्म-कथ्य🙅
*प्रणय प्रभात*
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*धन्य-धन्य हे दयानंद, जग तुमने आर्य बनाया (गीत)*
*धन्य-धन्य हे दयानंद, जग तुमने आर्य बनाया (गीत)*
Ravi Prakash
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!
पंकज परिंदा
अपना ये गणतंत्र
अपना ये गणतंत्र
RAMESH SHARMA
ऋषि अष्टावक्र
ऋषि अष्टावक्र
Indu Singh
** दूर कैसे रहेंगे **
** दूर कैसे रहेंगे **
Chunnu Lal Gupta
शहर और गाँव
शहर और गाँव
Sakhi
जॉन तुम जीवन हो
जॉन तुम जीवन हो
Aman Sinha
Opportunity definitely knocks but do not know at what point
Opportunity definitely knocks but do not know at what point
Piyush Goel
3280.*पूर्णिका*
3280.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता
कविता
Rambali Mishra
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
जय जय सावित्री बाई फुले
जय जय सावित्री बाई फुले
gurudeenverma198
चीख को लय दो
चीख को लय दो
Shekhar Chandra Mitra
#रंग (व्यंग्य वाण)
#रंग (व्यंग्य वाण)
Rajesh Kumar Kaurav
*वोट की ताकत*
*वोट की ताकत*
Dushyant Kumar
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
ENDLESS THEME
ENDLESS THEME
Satees Gond
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
जीवन का जाप
जीवन का जाप
Madhuri mahakash
Some times....
Some times....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...