Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2023 · 1 min read

परिसर

आज कहां यहां अच्छा परिवेश,
चारों ओर बस सिर्फ दुवेश ही दुवेश,
आज कहां अच्छा यहां परिवेश,
आज कहां पहले जैसी फिक्र,
सिर्फ दिखावे का होता जिक्र,
समय ही नही इतना किसी के पास,
पूछ ले किसी से उसके हाल चाल,
मिल जाएं कहीं अपने नजर फेर लेते,
कैसे छुपे बदल जाती कदम चाल,
लोग बदल गए तो परिवेश भी बदल गया,
पहले पूछते थे हालचाल आज ये ट्रेंड भी गया,
ना पूछने वाला सुखी न बताने वाला सुखी,
दिखावे के लिए हंसी बस अंदर से दोनो दुखी,
ईर्ष्या घर बना रही है सब ओर,
बस इसी ईर्ष्या का है अब जोर,
हमारे परिवेश को भी ईर्ष्या ही खा रहीं,
भेदभाव की गहरी खाई ये बढ़ा रहीं,
ईर्ष्या को न पालों दिलों में प्रेम बढ़े,
ईर्ष्या हो जाएं खत्म, स्वस्थ परिवेश हर ओर बढ़े,

शेर,, मत रखिए दिलो में भेद यारों,
किसको यहां सदियों रहना है,
बहाते चलों प्रेम की गंगा हर ओर,
अपना तो सभी से ये कहना है,
चले जाएंगे एक दिन सभी यहां से,
फिर कहीं दूर अपना आशियाना होगा,
पूछेंगे हाल चाल जब वो यहां के,
तब तो सच ही बताना होगा,

शेर, नफरत की खाई मत लगाइए,
बोईये न बैर के बीज यारों,
सत्य कभी छुपता नही, झुकता नही,
सत्य की आदत डालो यारों….

Language: Hindi
165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जीवन पर
जीवन पर
Dr fauzia Naseem shad
बरसात
बरसात
Ashwani Kumar Jaiswal
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
Kanchan Alok Malu
यूँ तैश में जो फूल तोड़ के गया है दूर तू
यूँ तैश में जो फूल तोड़ के गया है दूर तू
Meenakshi Masoom
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
Jyoti Roshni
कुछ रूबाइयाँ...
कुछ रूबाइयाँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा पंचक. . . . मतभेद
दोहा पंचक. . . . मतभेद
sushil sarna
..
..
*प्रणय प्रभात*
घे वेध भविष्याचा ,
घे वेध भविष्याचा ,
Mr.Aksharjeet
गाली / सुशीला टाकभौरे (जन्मदिन)
गाली / सुशीला टाकभौरे (जन्मदिन)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आज़ादी में कोई साथी
आज़ादी में कोई साथी
Urmil Suman(श्री)
कौड़ी के भाव ले के दुआ
कौड़ी के भाव ले के दुआ
अरशद रसूल बदायूंनी
महाकाल
महाकाल
Dr.Pratibha Prakash
3175.*पूर्णिका*
3175.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल के दरवाज़े
दिल के दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Sûrëkhâ
ओ बजरंगी हनुमान मेरी सुन लो करुण पुकार रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
ओ बजरंगी हनुमान मेरी सुन लो करुण पुकार रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
वीर मेला
वीर मेला
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा भारत सबसे न्यारा
मेरा भारत सबसे न्यारा
Pushpa Tiwari
देख यहाँ अब त्रासदी, नैना बहते लोर |
देख यहाँ अब त्रासदी, नैना बहते लोर |
संजय निराला
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर किला परिसर में योग कार्यक्रम*
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर किला परिसर में योग कार्यक्रम*
Ravi Prakash
"हिंदी"
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
- कोरा सा जीवन मेरा -
- कोरा सा जीवन मेरा -
bharat gehlot
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जो मिला ही नहीं
जो मिला ही नहीं
Dr. Rajeev Jain
कुछ ऐसी बाते हमारे अंदर होती है जिसे हम किसी को बता नहीं पात
कुछ ऐसी बाते हमारे अंदर होती है जिसे हम किसी को बता नहीं पात
पूर्वार्थ देव
Loading...