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6 Dec 2023 · 1 min read

हम उनको सवारते संवारते खुद ही बिखर गए।

हम उनको सवारते संवारते खुद ही बिखर गए।
शुरू किया है साथ ये सफर यह हम खुद भी भूल गए,।

जिम्मेदारी के पीछे भागते भागते हम खुद ही आज रूठ गए।
हमे भी कोई मनाएगा
उम्मीद लगाए बैठे रहे ।

आंख भर आई थी ,हमे लगा वो समझ गए बिना कुछ कहे,
हमारा तो दिल ही टूट गया जब सब देखे अनदेखा हो गया उनसे।

सब समझ आगया जब निकल पड़े हम अपने रास्ते पे अकेले बनके,
ना लगाना है उम्मीद किसी से, ना कहेंगे कुछ हक से।
पर सच्ची, आज हम टूट गए पूरे दिल से।

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