Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2023 · 1 min read

सच का सौदा

हमारा काम हल्का चल रहा है
तभी तो सच का सौदा चल रहा है

बुरे इतने भी दिन आए नहीं हैं
अभी तो साथ साया चल रहा है

मैं सारी दौलतों को पा चुका हूं
यह बेटा मेरे जैसा चल रहा है

यह आँखें राज़ सारे कह रही हैं
तुम्हारे ज़हन में क्या चल रहा है

ज़मीं भी राह उस की तक रही है
फलक से जो भी ऊंचा चल रहा है

कोई मंज़िल के पीछे दौड़ता है
किसी के साथ रस्ता चल रहा है

नई दिल्ली, नई लगती कहां है ?
सभी कुछ पहले जैसा चल रहा है

करिश्मा है यह मोबाइल का ‘अरशद’
हज़ारों में वह तन्हा चल रहा है

– अरशद रसूल बदायूंनी

350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

फुर्सत की गलियां
फुर्सत की गलियां
Ragini Kumari
जिक्र
जिक्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सीखो मिलकर रहना
सीखो मिलकर रहना
gurudeenverma198
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
पूर्वार्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज कल के युवा जितने सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं यदि उतने ही अप
आज कल के युवा जितने सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं यदि उतने ही अप
Rj Anand Prajapati
* कष्ट में *
* कष्ट में *
surenderpal vaidya
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
ड्यूटी
ड्यूटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माया क्या है समझें माया का रहस्य। ~ रविकेश झा
माया क्या है समझें माया का रहस्य। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
तुम्हें पास अपने बुलाने का मन है
तुम्हें पास अपने बुलाने का मन है
अरशद रसूल बदायूंनी
प्रेम पीड़ा का
प्रेम पीड़ा का
Dr fauzia Naseem shad
"जलने के बाद"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ते
रिश्ते
प्रदीप कुमार गुप्ता
ഒന്നോർത്താൽ
ഒന്നോർത്താൽ
Heera S
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चलो खुशियों के दीपक जलायें।
चलो खुशियों के दीपक जलायें।
अनुराग दीक्षित
रोटी जैसे राम
रोटी जैसे राम
Shriyansh Gupta
* संतुलन *
* संतुलन *
Vaishaligoel
मेरी आज़माइश जिंदगी का बन गया एक खेल है
मेरी आज़माइश जिंदगी का बन गया एक खेल है
Shweta Soni
दोहे
दोहे
seema sharma
ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन शॉपिंग
Shekhar Chandra Mitra
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
shabina. Naaz
मॉर्निंग वॉक
मॉर्निंग वॉक
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कुछ यूँ मैंने खुद को बंधा हुआ पाया,
कुछ यूँ मैंने खुद को बंधा हुआ पाया,
पूर्वार्थ देव
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
दीपक झा रुद्रा
Loading...