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30 Nov 2023 · 1 min read

संसार है मतलब का

मुश्किल है बहुत साथ खड़ा कोई नहीं है
संसार है मतलब का, सगा कोई नहीं है

बस भूक परिंदो को उधर ले के गई थी
उस जाल में मर्जी से फंसा कोई नहीं है

आओ कि पलट जाए हकीकत की तरफ हम
दुनिया के दिखावों में मज़ा कोई नहीं है

जंजीर है फिरकों की इसे तोड़ भी डालो
हम एक हैं आपस में, जुदा कोई नहीं है

गिरने से ही आती है सदा अक़्ल सभी को
उस्ताद भी ठोकर के बड़ा कोई नहीं है

मग़रूर अगर कोई समझता हैं तो समझे
खुद्दार हैं हम लोग, अना कोई नहीं

नापाक सियासत की सियासत है यह अरशद
इस मुल्क में मर्जी से लड़ा कोई नहीं है

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