Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2023 · 1 min read

आता है उनको मजा क्या

आता है उनको मजा क्या, बातें ऐसी करने में।
औरों की बातें सुनकर, बातें ऐसी करने में।।
आता है उनको मजा क्या————–।।

दिलाते हैं क्यों यकीन, किसी को झूठा अपना।
दिखाते हैं क्यों ऐसे, किसी को झूठा सपना।।
देखकर हाल किसी का, देखकर दर्द किसी का।
आता है उनको मजा क्या—————-।।

देखते क्यों नहीं वह, अपनी बस्ती- ओ- जमीं को।
औरों से पहले वह, अपनी करनी- ओ- कमी को।।
करके औरों पर वहम, अपने पापों पर करके पर्दा।
आता है उनको मजा क्या—————।।

फजीहत जब कभी होगी, उनकी किसी महफ़िल में।
काँटें जब बिछे होंगे, कभी उनकी भी मंजिल में।।
होगी क्या उनकी हालत, देखकर मुश्किल ऐसी।
आता है उनको मजा क्या—————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
432 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

#क्या सिला दिया
#क्या सिला दिया
Radheshyam Khatik
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कला
कला
विशाल शुक्ल
प्यार का त्योहार
प्यार का त्योहार
Vibha Jain
ये ज़िंदगी भी ज़रुरतों से चला करती है,
ये ज़िंदगी भी ज़रुरतों से चला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिस घर में  बेटी का  जन्म होता है
जिस घर में बेटी का जन्म होता है
Paras Nath Jha
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
शालीनता , सादगी और संस्कार भी एक श्रृंगार है , तथाकथित आधुनि
शालीनता , सादगी और संस्कार भी एक श्रृंगार है , तथाकथित आधुनि
पूर्वार्थ
शान्ति चाहिए तो
शान्ति चाहिए तो
ललकार भारद्वाज
"बैलगाड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
I remember you in my wildest dreams
I remember you in my wildest dreams
Chaahat
24/243. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/243. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाइकु: सत्य छिपता नहीं!
हाइकु: सत्य छिपता नहीं!
Prabhudayal Raniwal
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
Kshma Urmila
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
दीपक झा रुद्रा
*जानो कछुआ देवता, हुआ कूर्म-अवतार (कुंडलिया)*
*जानो कछुआ देवता, हुआ कूर्म-अवतार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
है आस दिल को आज भी तुम लौट आओगे
है आस दिल को आज भी तुम लौट आओगे
Dr Archana Gupta
सखि आया वसंत
सखि आया वसंत
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में
Nakul Kumar
राजनीति और वोट
राजनीति और वोट
Kumud Srivastava
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
पं अंजू पांडेय अश्रु
भूलना तुमको
भूलना तुमको
Dr fauzia Naseem shad
माँ जैसा जहाँ में कोई , मिलता है दुबारा,
माँ जैसा जहाँ में कोई , मिलता है दुबारा,
Neelofar Khan
'रंगीलो फाग'
'रंगीलो फाग'
पंकज कुमार कर्ण
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
दुनिया में इतना गम क्यों है ?
दुनिया में इतना गम क्यों है ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
आजादी की धुन
आजादी की धुन
C S Santoshi
ഹൃദയശൂന്യ
ഹൃദയശൂന്യ
Heera S
मैं शिक्षक हूँ
मैं शिक्षक हूँ
विक्रम सिंह
वात्सल्य छंद विधान सउदाहरण
वात्सल्य छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
Loading...