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27 Nov 2023 · 1 min read

समझदार बेवकूफ़

एक गधे ने दूसरे गधे से कहा ,

लोग खामखां हमें बदनाम करते हैं ,
पर इंसान कुछ ऐसे काम करते हैं ,

जिन्हें देखकर कहते हमें शर्म आती है ,
सियासत में ऐसी बख़िया उधेड़ी जाती है ,

जिसमें नेता एक दूसरे को
नंगा करते हैं ,
फिर भी अपनी करतूतों से
बाज़ नहीं आते हैं ,

वक्त बदलने पर ये खुदगर्ज़ पार्टी
बदल लेते हैं ,
जिसे पहले चोर कहा था उसी के
कसीदे पढ़ने लगते हैं ,

इनका कोई ज़मीर-ओ – ईमान
नहीं होता है ,
अपनों से प्यारा इन्हें अपना रुसूख़ और
पैसा होता है ,

चुनाव आने पर अवाम पर इनका
प्यार उमड़ता है ,
जीतने पर इनका चेहरा कहीं
गुम हो जाता है ,

अवाम को बेवक़ूफ़ बनाने में ये
अव्व़ल दर्जे़ के फ़नकार होते हैं ,
नामचीन अदा-कार भी पीछे छूट जाऐं
ऐसे ये नाटककार होते हैं ,

ये इंसान जो हमेशा हमें जाहिल
बेवक़ूफ़ कहते हैं ,
पर ये समझदार हर बार
बेवक़ूफ़ बनकर इन्हें ही चुनते हैं।

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