ईमानदारी का इतिहास बनाना है
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
औरत के फ़ितरत में अजीब तकाजा पाया जाता है ,
दग़ा तुमसे जब कोई, तेरा हमख़्वाब करेगा
अब छोड़ जगत आडंबर को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
*यह भारत का अध्यात्म सुखद, नदियों के तट पर बड़ा हुआ (राधेश्य
रणबंका राठौड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट।
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
क्या पाना है, क्या खोना है