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25 Nov 2023 · 1 min read

भीड से निकलने की

भीड से निकलने की
चाहत होने लगी है
अब हमे भी पहचान
गैरौ की होने लगी है
चन्द ख्वाहिश की खातिर
अपनो से तू -तू ,
मै -मै होने लगीं है।

हरमिंदर कौर, अमरोहा

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