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22 Nov 2023 · 1 min read

मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।

मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
वेबस आंसूओं से चेहरे को भिगोते देखा है ।
इस भरी दुनिया में अब कोई किसी का नहीं ।
मैंने एक मां को बच्चों के संग फांकें से सोते देखा है ।

Phool gufran

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