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17 Nov 2023 · 1 min read

ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ

ਮੇਰੇ ਹਾਸਿਆਂ ਵਿੱਚ ,ਕਿਉਂ ਲੁਕੇ ਦਰਦ ਨਹੀਂ ਦਿਸਦੇ।
ਇਸ਼ਕ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ,ਚਿਹਰੇ ਜ਼ਰਦ ਨਹੀਂ ਦਿਸਦੇ

ਹਰਿਆ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਸੀ ਕਦੇ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ ਬੂਟਾ
ਪਰ ਹੁਣ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਆਏ ਪਤਝੜ ਨਹੀਂ ਦਿਸਦੇ।

ਹੱਸ ਹੱਸ ਕੇ ਕੀ ਸੁਣਾਵਾਂ ਮੈਂ, ਉਹਨੂੰ ਹਾਲ ਦਿਲ ਵਾਲੇ
ਤੈਨੂੰ ਸੱਜਣਾਂ ਦੇ ਲਹਿਜ਼ੇ ਕੀ ਹੁਣ ਸਰਦ ਨਹੀਂ ਦਿਸਦੇ।

ਚੱਕ ਬਲੋਚ ਲੈ ਤੁਰੇ ਢਾਚੀ ਲੱਦ,ਸੱਸੀ ਦੇ ਪੁੰਨੂੰ ਨੂੰ
ਜਾਵਣ ਵਾਲੇ ਰੁਕਦੇ ਨਾਹੀਂ ,ਚੜੀ ਗਰਦ ਨਹੀਂ ਦਿਸਦੇ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੋਰ

Language: Punjabi
411 Views
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