Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2023 · 1 min read

यह गोकुल की गलियां,

यह गोकुल की गलियां,
जहाँ कृष्ण के नटखट खेल होते हैं।
वहाँ गोपियाँ चरम भक्ति से जल होती हैं।

गोकुल में गोपाल,
माखन चोरी करते राधिका के नाम पे।
नंदगोप जी के यशोदा जी का गुरुकुल यहाँ है,
बच्चों के आतंक की खबर उन्हें होती रातों में।

धूप के साये में खेलते हैं बांसुरी धुन,
गाते हैं गोपाल कृष्ण की माखन मोहन।
बंसी गान में खो जाते हैं सब,
आत्मा की शांति में शांत हो जाते हैं सब।

माखन चोरी करते हैं चोरी मक्खन,
गोपाल की अदालत में सबको भला ठहराते हैं।
रासलीला में जाते हैं राधा के संग,
भगवान कृष्ण का रंग जग में ओर बिखराते हैं।

हरि नाम का जाप करते हैं, केवल हरि ही सुनते हैं।
गोपियाँ हरिंग की तरह भक्ति के पथ पर चलते हैं।
जग में गोपाल के द्वारे निर्मित हैं ये गलियां,
गोकुल की गलियां जहाँ भगवान कृष्ण का वास होता हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा

554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तुम ही शिवानी मेरी सांस में रहती
तुम ही शिवानी मेरी सांस में रहती
कृष्णकांत गुर्जर
नागरिक कर्तव्य है मतदान - लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना
नागरिक कर्तव्य है मतदान - लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना
ललकार भारद्वाज
वतन परस्त लोग थे, वतन को जान दे गए
वतन परस्त लोग थे, वतन को जान दे गए
Neelofar Khan
उषा का जन्म
उषा का जन्म
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
कठोर
कठोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
कविता झा ‘गीत’
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
तेरे मेरे दरमियाँ ये फ़ासला अच्छा नहीं
अंसार एटवी
सत्य एक श्री राम
सत्य एक श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
🌳 *पेड़* 🌳
🌳 *पेड़* 🌳
Dhirendra Singh
एक बार टूटा हुआ भरोसा
एक बार टूटा हुआ भरोसा
लक्ष्मी सिंह
आखिर वो माँ थी
आखिर वो माँ थी
Dr. Kishan tandon kranti
21. Tale of An Eve
21. Tale of An Eve
Ahtesham Ahmad
आंगन
आंगन
श्याम सांवरा
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
औलाद का सुख
औलाद का सुख
Paras Nath Jha
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
अच्छे कर्म का फल
अच्छे कर्म का फल
Surinder blackpen
सावन बीत गया
सावन बीत गया
Suryakant Dwivedi
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Harminder Kaur
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
Priya princess panwar
रूठे को पर्व ने मनाया
रूठे को पर्व ने मनाया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
टूट गया दिल
टूट गया दिल
Shekhar Chandra Mitra
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
..
..
*प्रणय प्रभात*
सोचा था अपनी कलम से तुम्हारी खूबसूरती पर लिखूंगा..... 2 ..
सोचा था अपनी कलम से तुम्हारी खूबसूरती पर लिखूंगा..... 2 ..
Shivam Rajput
Loading...