Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2023 · 1 min read

*वृद्धावस्था : सात दोहे*

वृद्धावस्था : सात दोहे
————————————-
1)
ढीले-ढाले हो गए, अंग-अंग के जोड़
बूढ़ापन सबसे बुरा, जीवन का यह मोड़
2)
सौ वर्षों की जिंदगी, समझो है अभिशाप
दुर्बल स्वास्थ्य सता रहा, मानव को चुपचाप
3)
पैरों से चलना कठिन, करते हाथ सवाल
कहते बूढ़े अंग हैं, खड़ा सामने काल
4)
बूढ़ेपन में वह सुखी, जिसकी दृष्टि विशाल
खोलीं जिसने मुठ्ठियॉं, उम्र देख तत्काल
5)
वृद्धावस्था आ गई, दुख यह अपरंपार
अभी नहीं तृष्णा मिटी, अभी लोभ-भंडार
6)
अनुभव के आधार पर, कहते हैं यह लोग
वृद्धावस्था देह का, सबसे भारी रोग
7)
वृद्धावस्था आ गई, मन में किंतु मलाल
अमर-तत्व पाया नहीं, पुनः आ गया काल
————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
1 Like · 759 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

जन्मदिन पर लिखे अशआर
जन्मदिन पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
3665.💐 *पूर्णिका* 💐
3665.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सिर्फ़ तुम
सिर्फ़ तुम
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
मेरी माटी मेरा देश 💙
मेरी माटी मेरा देश 💙
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
~गाय पर कविता~
~गाय पर कविता~
Vijay kumar Pandey
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम...
Ajit Kumar "Karn"
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
"भूले हैं हम रफ़्ता रफ़्ता"
Madhu Gupta "अपराजिता"
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!
पंकज परिंदा
होश संभालता अकेला प्राण
होश संभालता अकेला प्राण
©️ दामिनी नारायण सिंह
तू भूल गया अपने वादों को,
तू भूल गया अपने वादों को,
Pappu Kumar Shetty
तेरी याद में
तेरी याद में
Chitra Bisht
नज़्म _ आख़िर इनका क़ुसूर क्या है ?
नज़्म _ आख़िर इनका क़ुसूर क्या है ?
Neelofar Khan
"लिख दो"
Dr. Kishan tandon kranti
188bet
188bet
188bet
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,
पूर्वार्थ
बावरा मन
बावरा मन
RAMESH Kumar
*खूबसूरत ज़िन्दगी*
*खूबसूरत ज़िन्दगी*
शिव प्रताप लोधी
यह वर्ष हमारी नगरी के श्री राम लीला समारोह का 75वां (हीरक जय
यह वर्ष हमारी नगरी के श्री राम लीला समारोह का 75वां (हीरक जय
*प्रणय प्रभात*
क्या लिखूँ मैं उस आदमी के लिए
क्या लिखूँ मैं उस आदमी के लिए
VINOD CHAUHAN
एक दिन इतिहास लिखूंगा
एक दिन इतिहास लिखूंगा
जीवनदान चारण अबोध
आमंत्रण
आमंत्रण
विशाल शुक्ल
कब कौन मिल जाए और कितना गहरा रंग चढ जाए कुछ पता नहीं. फिर अच
कब कौन मिल जाए और कितना गहरा रंग चढ जाए कुछ पता नहीं. फिर अच
पूर्वार्थ देव
नित्य ईश की सत्ता है
नित्य ईश की सत्ता है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पहला ख्याल
पहला ख्याल
Sonu sugandh
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
बेटवो तऽ बसेला दूर देश में
बेटवो तऽ बसेला दूर देश में
आकाश महेशपुरी
रुहानियत और इंसानियत संग संग(पंजाबी में) 18)
रुहानियत और इंसानियत संग संग(पंजाबी में) 18)
Mangu singh
Khushbasib hu Main
Khushbasib hu Main
Chinkey Jain
Loading...