Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2023 · 1 min read

यह रंगीन मतलबी दुनियां

यह रंगीन मतलबी दुनियां

ये रंगीन मतलबी दुनियां,
चमकीली अँधेरे में झलकती।
कितने हसीन रंगों का बनी है,
मगर मतलबों से संप्रेम रहती।

हर एक चेहरा छूपा कहानी,
पुरानी या नई, सबकी कहानी।
पर सही और गलत के रंग बिखरे,
जीवन के पन्नों पर लिखी कहानी।

भीड़ जिन्हें हंसने को लालचाती,
वो हीरासे मुस्कराती रहती।
मतलब की लालची दुनियां में,
हकीकत की अवाज कहां रहती।

हर कोई भाग रहा है उपरों की और,
सपनों की आशाएं संपालता।
पर मतलब की पीड़ा से जीने वाले,
हकीकत को कभी न समझ पालता।

बलवादी की दुनियां में रहती,
मतलब के चैनल पर बस रहती।
हस्ती की कीमत का ध्यान होता नहीं,
केवल पनपने का ख्वाब रहती।

ये रंगीन मतलबी दुनियां,
छलावे के सिंदूर में सजती।
पर सच्चाई के पत्ते बदले नहीं,
इस मतलब की बनी रहती।

इस रंगीन मतलबी दुनियां में,
हकीकत को तू खोज लेना।
अपने कारणों से आगे बढ़े,
मायाजालों का तू सोच छोड़ देना।
कार्तिक नितिन शर्मा

541 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

स्वप्न और वास्तव: आदतों, अनुशासन और मानसिकता का खेल
स्वप्न और वास्तव: आदतों, अनुशासन और मानसिकता का खेल
पूर्वार्थ
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -215 के श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -215 के श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आज फिर
आज फिर
Chitra Bisht
डरो ना
डरो ना
विशाल शुक्ल
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" विडम्बना "
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
Jyoti Roshni
मन को दीपक की भांति शांत रखो,
मन को दीपक की भांति शांत रखो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपनी मर्ज़ी के
अपनी मर्ज़ी के
Dr fauzia Naseem shad
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
मैं परमेश्वर की अमर कृति हूँ मेरा संबंध आदि से अद्यतन है। मै
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शिकारी संस्कृति के
शिकारी संस्कृति के
Sanjay ' शून्य'
भारतीय संस्कृति और नैतिकता
भारतीय संस्कृति और नैतिकता
Mukesh sharma
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
Ranjeet kumar patre
sp32 दिल के घाव
sp32 दिल के घाव
Manoj Shrivastava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*यह कैसा न्याय*
*यह कैसा न्याय*
ABHA PANDEY
मुझे मेरी पहचान चाहिए
मुझे मेरी पहचान चाहिए
MEENU SHARMA
*कड़वे भोजन को खाकर भी, जो निज मुस्कान न खोएगा (राधेश्यामी छ
*कड़वे भोजन को खाकर भी, जो निज मुस्कान न खोएगा (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
गुड़ी पड़वा
गुड़ी पड़वा
Satish Srijan
🙅अनुभूत/अभिव्यक्त🙅
🙅अनुभूत/अभिव्यक्त🙅
*प्रणय प्रभात*
"ऐसा क्यों होता है अक्सर"
Madhu Gupta "अपराजिता"
श्री राम वंदना
श्री राम वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
चिन्तन के पार चला
चिन्तन के पार चला
महेश चन्द्र त्रिपाठी
* मेरी पत्नी *
* मेरी पत्नी *
भूरचन्द जयपाल
ज़िन्दगी में कभी कोई रुह तक आप के पहुँच गया हो तो
ज़िन्दगी में कभी कोई रुह तक आप के पहुँच गया हो तो
शिव प्रताप लोधी
8Kbet - Trang Chủ Mới 8Kbet Joincoin
8Kbet - Trang Chủ Mới 8Kbet Joincoin
8Kbet Joincoin
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Dr. Bharati Varma Bourai
ज़िंदगी गुजर जाती हैं .....
ज़िंदगी गुजर जाती हैं .....
sushil sarna
न बोझ बनो
न बोझ बनो
Kaviraag
Loading...