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16 Nov 2023 · 1 min read

#तेवरी-

#तेवरी-
■ वो दंगल है राम भरोसे।।

● जो होना था काम भरोसे।
वो दंगल है राम भरोसे।।

● बोली लगा लगा नीलामी।
जनादेश तक दाम भरोसे।।

● पांच साल में शुभ दिन आया।
ख़ास लोग हैं आम भरोसे।।

● दर्द मिटाने का दावा कर।
चारागर हैं बाम भरोसे।।

● खुरचन चाटेंगे नाकारा।
माई-बाप के नाम भरोसे।।

● आस रात की टिकी सुबह पर।
सुबह बिचारी शाम वगरोसे।।

● जिनके पास नहीं कुछ वो सब।
औरों पर इल्ज़ाम भरोसे।।

● ग़ैरत बे-ग़ैरत हो कर के।
ज़िंदा है ईनाम भरोसे।।

● चाह रही दुनिया बेगारी।
और अपन आराम भरोसे।।

● ख़ुद के पास नहीं कुछ बाक़ी।
गुल-गुलशन गुलफ़ाम भरोसे।।

● खाक़ किसी का भला करेंगे।
हाकिम ख़ुद हुक्काम भरोसे।।

■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

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