Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2023 · 1 min read

*मायूस चेहरा*

उदास चेहरे कि यह झुर्रियां
कुछ कह रही है
जो सुन न सका
यह जमाना इस
बुजुर्ग की आंखें सुन रही हैं
फटे पांव की बिवाइयाॅ
लंबे सफर की
कहानी सुना रही है
उम्र लगा दी हमने
उसे शख्स के लिए
जिसने लौटा दी है
हमको तनहाइयां
खुश्क चेहरे की सलवटे
अनगिनत किस्सो की
सुना रही कहानियाँ
पुराना लिबास बता रहा है
उनके बेरुखी की कहानियाँ ।

हरमिंदर कौर, अमरोहा

2 Likes · 486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
पूर्वार्थ देव
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
2999.*पूर्णिका*
2999.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#सामयिक_व्यंग्य-
#सामयिक_व्यंग्य-
*प्रणय*
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
कभी कभी एक पल
कभी कभी एक पल
Mamta Rani
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
हर एक सांस सिर्फ़ तेरी यादें ताज़ा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एहसास
एहसास
Shally Vij
नर से नारायण
नर से नारायण
Pratibha Pandey
मीनू
मीनू
Shashi Mahajan
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
खुदा याद आया ...
खुदा याद आया ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
गमले में पेंड़
गमले में पेंड़
Mohan Pandey
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
सत्य क्या
सत्य क्या
Rajesh Kumar Kaurav
सांप सीढ़ी का खेल, ज़िंदगी..
सांप सीढ़ी का खेल, ज़िंदगी..
Shreedhar
राना लिधौरी'के हाइकु - कुंभ विशेष
राना लिधौरी'के हाइकु - कुंभ विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
रोशनी की किरण
रोशनी की किरण
Jyoti Roshni
I am Sorry
I am Sorry
Mr. Bindesh Jha
Loading...