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4 Nov 2023 · 1 min read

ज़िंदगी एक जाम है

यह जो सुहानी शाम है
दम भर की मेहमान है
कतरा-कतरा इसे पी लो
ज़िंदगी एक जाम है…
(१)
पल भर में सब कुछ जलकर
ख़ाक हो सकता,मत भूलो
एक बिजली की जद में
गुल-गुलशन-गुलफ़ाम है…
(२)
झूठमुठ का शिकवा क्यों
वह हाथ तुम्हारा छोड़ गई
जितना जिसने साथ दिया
उतना ही अहसान है…
(३)
चाहे जैसे हालात हों
जश्न का दौर चलता रहे
अपना तो यही रक़ीबों से
सबसे बड़ा इंतक़ाम है…
(४)
जिसमें जिंदों को सूली
और मूर्दों को मिलते हैं फूल
पागलपन या खुदकुशी
उस क़ौम का अंजाम है…
(५)
दुनिया के हर मसले का
हल बस प्यार से निकलेगा
एक दीवाने शायर का
यही आख़िरी पैग़ाम है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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