Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2023 · 1 min read

एक गलत निर्णय हमारे वजूद को

एक गलत निर्णय हमारे वजूद को
भी मिटा सकता है, पर्वतों के
लाख मना करने के बाद भी
नदी ने सागर से मिलने का
निर्णय किया और अंततः
उसे मिटना पड़ा।
a m prahari

264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Anil Mishra Prahari
View all

You may also like these posts

चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
Sakshi Singh
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
Meenakshi Bhatnagar
ज़िंदादिल उमंग
ज़िंदादिल उमंग
Shyam Sundar Subramanian
मेरा भी जिक्र कर दो न
मेरा भी जिक्र कर दो न
Kanchan verma
घर की मुर्गी बना दिया
घर की मुर्गी बना दिया
विजय कुमार अग्रवाल
कभी कभी रिश्ते मौन हो जाते हैं
कभी कभी रिश्ते मौन हो जाते हैं
Rekha khichi
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
Sanjay ' शून्य'
मुहम्मद मुहम्मद पुकारा करूँ मैं
मुहम्मद मुहम्मद पुकारा करूँ मैं
Neelofar Khan
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
जिंदगी आंदोलन ही तो है
जिंदगी आंदोलन ही तो है
gurudeenverma198
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
गंगा
गंगा
Madhuri mahakash
समय के झूले पर
समय के झूले पर
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
Shweta Soni
रेखीयगणित
रेखीयगणित
Varun Singh Gautam
मेरा शहर- मुंगेर
मेरा शहर- मुंगेर
Ghanshyam Poddar
पूनम का चांद
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
"ईख"
Dr. Kishan tandon kranti
अरे ओ आसमां
अरे ओ आसमां
Surinder blackpen
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
Dr fauzia Naseem shad
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
Manoj Mahato
मन में हलचल सी उठे,
मन में हलचल सी उठे,
sushil sarna
मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
Kumar Kalhans
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
हारता वो है
हारता वो है
नेताम आर सी
तुम्हारा नुकसान
तुम्हारा नुकसान
Shekhar Chandra Mitra
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
Loading...