Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2023 · 1 min read

నా గ్రామం

మమతలకు మారు పేరు నా గ్రామం..
ప్రేమ తో పలకరించే పలకరింపు నా గ్రామం..
ఆదర్శం గా నిలిచే ఆదర్శ గ్రామము నా గ్రామము.
మహానుభావుల నిలయం నా గ్రామము..
పచ్చదనాల పాడి పంటల హరివిల్లు నా గ్రామం..
సంస్కృతి కి నిలయం నా గ్రామం..
వాగు వంకల పైరు చెనుల పసిడి ప్రదేశం నా గ్రామము.
అభివృద్ధి కి మారుపేరు నా గ్రామము..
ఎన్నటికీ మరువలేని మధుర ప్రదేశం నా గ్రామము.
గుండె నిండా నింపుకునే ప్రేమ ప్రదేశమే నా గుండాల గ్రామము..

డా. గుండాల విజయ కుమార్..

Language: Telugu
268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ट्रैफिक भी जाम मेरा दिल भी तेरे नाम।
ट्रैफिक भी जाम मेरा दिल भी तेरे नाम।
Rj Anand Prajapati
शीर्षक -तेरे जाने के बाद!
शीर्षक -तेरे जाने के बाद!
Sushma Singh
Time and tide wait for none
Time and tide wait for none
VINOD CHAUHAN
चरित्र
चरित्र
विशाल शुक्ल
वक्त गुजर जाएगा
वक्त गुजर जाएगा
Deepesh purohit
चिराग़ उम्मीद का जलाया न होता,
चिराग़ उम्मीद का जलाया न होता,
Jyoti Roshni
चुनावी घनाक्षरी
चुनावी घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
Rajesh Kumar Arjun
खिड़की रोशनदान नदारद, (सरसी छंद )
खिड़की रोशनदान नदारद, (सरसी छंद )
RAMESH SHARMA
क्या फर्क पड़ेगा
क्या फर्क पड़ेगा
Dr. Man Mohan Krishna
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
मेरी शान तिरंगा है
मेरी शान तिरंगा है
Santosh kumar Miri
" रोटियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
अजीब उम्र है... खुद का पता नहीं और
अजीब उम्र है... खुद का पता नहीं और
Ranjeet kumar patre
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
gurudeenverma198
दुनिया
दुनिया
अनिल मिश्र
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
DrLakshman Jha Parimal
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
अनकहा
अनकहा
Madhu Shah
सब बन्दे हैं राम के
सब बन्दे हैं राम के
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तोड़ सको तो तोड़ दो,
तोड़ सको तो तोड़ दो,
sushil sarna
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
दण्डक
दण्डक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गंगा
गंगा
लक्ष्मी सिंह
शुरूआत
शुरूआत
NAVNEET SINGH
3590.💐 *पूर्णिका* 💐
3590.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh
Loading...