ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
Connectivity of a nature is a dexterity of the future.
"सलाह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम परेशान हो ! सुना जब से चाह रहा हूं.. दुनिया के सब ज़रूरी
ग़ज़ल : उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
आग यदि चूल्हे में जलती है तो खाना बनाती है और चूल्हे से उतर
बिहार की सियासी उठापटक: बढ़ता जन असंतोष और प्रदर्शन, क्या बदलेंगे हालात?
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं