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17 Oct 2023 · 1 min read

मां चंद्रघंटा

मां चंद्रघंटा
नवदुर्गा में तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा का पाया,
रूप अलौकिक चमत्कारी इनकी है अदभुत माया।
स्वर्ण आभा युक्त अद्भुत सुनहरी इनकी काया,
पापी राक्षसों के संहार करने ही इनका यह रूप आया।
सिंह पर सवारी करती चंद्रघंटा माता,
इनके क्रोध के सामने कोई टिक नहीं पाता।
दसों भुजाओं में आयुध धारी भयंकर दुष्टों को संहारे,
मस्तक पर चंद्राकार घंटा जिसकी आवाज असुरों को मारे।
भक्तों की भयहारिणी दुष्टविनाशिनी माता चंद्रघंटा,
दुष्ट जन कांप है जाते जब बजाती माता घंटा।
एक ओर यह महाभयंकर असुरों को संहारे,
दूजे उनकी कृपा उनके भक्तजनों को तारे।
जग में सुख शांति और निर्भयता पाने इनकी करो आराधना,
मां चंद्रघंटा की कृपा से होगी पूरी सारी मनोकामना।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़

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