Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

हक़ीक़त है

यह कड़वी लेकिन हक़ीक़त है
कि हर व्यक्ति अपनी इच्छा और
पसंद को हमेशा सर्वोपरि रखता
है, वो वही स्वीकारता है जो वो
स्वीकार करना चाहता है ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
4 Likes · 526 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

सत्य क्या
सत्य क्या
Rajesh Kumar Kaurav
मुकद्दर से ज्यादा
मुकद्दर से ज्यादा
rajesh Purohit
रात……!
रात……!
Sangeeta Beniwal
पंछी रास्ता भटक गया
पंछी रास्ता भटक गया
Jitendra kumar
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"चुनौती का दर्शन"
Dr. Kishan tandon kranti
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
Bhupendra Rawat
बरबादी के साल हवे ई
बरबादी के साल हवे ई
आकाश महेशपुरी
अकेला
अकेला
Vansh Agarwal
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"एक नज़्म तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
!..................!
!..................!
शेखर सिंह
"दु:ख के साये अच्छे थे"
राकेश चौरसिया
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
Suryakant Dwivedi
■कड़वा सच■
■कड़वा सच■
*प्रणय प्रभात*
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
एक है ईश्वर
एक है ईश्वर
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"मेरा साथी"
ओसमणी साहू 'ओश'
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
प्यारा भारत
प्यारा भारत
Chitra Bisht
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
Manisha Wandhare
ग़ज़ल _ इल्म बख़्शा है
ग़ज़ल _ इल्म बख़्शा है
Neelofar Khan
*बॉस की चिड़िया बैठाना (हास्य व्यंग्य)*
*बॉस की चिड़िया बैठाना (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
नफ़रत
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...