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3 Oct 2023 · 1 min read

*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*

धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)
————————————
धरती हिली ईश की माया
भू ने कंपन हमें सुनाया
हिली किसी की कुर्सी भारी
झूमर छत का हिलना जारी
महाबली इंसान पछाड़ा
भूकंपों ने खेल बिगाड़ा
————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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