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25 Sep 2023 · 1 min read

#रे मन तेरी मेरी प्रीत

★ #रे मन तेरी मेरी प्रीत ★

रे मन चल वहाँ चलें जहाँ न होवे रात
ऐसी रात हुई नहीं जिसकी नहीं परभात

रे मन पथ में काँकरी ले ले हाथ में हाथ
चरण चूमते अनजाने पल दो पल का साथ

रे मन तेरे दो सखा इक धीरज इक आस
मीत चले घर आपने झोली .में उपहास

रे मन ढीली पोटली चैन बिखरता जाये
गाँठ लगाये हाथों से जगत फिसलता जाये

रे मन फूलों की सुगंध तेरी मेरी प्रीत
पवनझकोरे बगियन में मधुर मधुर संगीत

रे मन यह तन बाँसुरी नौ नौ छेद कराये
बैरी प्रियतम की चाकरी गाये कभी रुलाये

रे मन चल वहाँ चलें चँदा तारों की छाँव
सूरज न डूबे जहाँ न कोई पूछे नाँव

रे मन किये जतन बहुत तभी यह पायी कोठरी
तबहिं खिला सुभाग मना तभी मिली यह नौकरी

रे मन लेखनी हाथ में पकने लगे पुलाव
लेखनहारा हँस रहा चल वापस अपने ठाँव

रे मन चलिये उस ठौर जहाँ सदा हरे हों पात
मनहर गात सुहावने सबकी एको जात . . . !

९४६६०-१७३१२
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)

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