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21 Sep 2023 · 1 min read

परिंदा हूं आसमां का

परिंदा हूं आसमां का
जमीं से उड़ान भरता हूं
चलो तुम मेरे साथ
एक नया सफर शुरू करते है

ना देरी होगी ना रुकावट होगी
सफर की बाजी शुरू होगी
संघर्ष का दौर जारी है
अंततः जीत हमारी होगी

ना कभी रुका ना ख्वाब टूटा
जीवन में सीधा हार का तार टूटा
हौसलों की उड़ान जारी है
शुरुआत अभी हमारी होगी

मेहनत से उठ खड़ा हुआ मैं
पसीने से नहाया
संघर्ष की गोद में पला हू में
आंधियां से टकराया ।।

प्रवीण सैन नवापुरा ध्वेचा

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