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21 Sep 2023 · 1 min read

सुकुमारी जो है जनकदुलारी है

सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
विधि के लेख को सहज स्वीकारी है
वन वन घूमी और मुख से ना वो बोली कभी
वहीं अयोध्या की महारानी है

कैसी ये विधि और कैसा ये विधान है
सीता की अग्नि परीक्षा खुद लेते रघुनाथ है
विधि के लेख पर स्वयं विधाता भी रो दिए
कैसा करूणामय आया ये क्षण है

स्वयं सर्वज्ञ होते हुए राम भी
मौन हो कर देखते अग्नि परीक्षा है
तन से सांसो का विरह हो रहा हो जैसे
करुणा में राम सीते -सीते बुलाते हैं

विधि का विधान जान पाया है कौन यहां
स्वयं विधाता भी विधि के ही अधीन है
जानते थे सब कुछ फिर ना कर पाए कुछ
खेल रहा स्वयं विधि का विधान है

सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

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