लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
पेड़ से कौन बाते करता है ?
दौरे-शुकूँ फिर से आज दिल जला गया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
सौ सदियाँ
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
*होता है अमर नहीं कोई, अमरत्व भला किसने पाया (राधेश्यामी छंद
हमें स्वयं के प्रति संदेह करना होगा जीवन की गहराई में उतरना