दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
परछाई की तरह संग है उसका,
छोड़ भी नहीं सकोगे कदाचित् ,
दुःखो के संग बना है जीवन।
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
परछाई की तरह संग है उसका,
छोड़ भी नहीं सकोगे कदाचित् ,
दुःखो के संग बना है जीवन।