Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2023 · 1 min read

कलियुग की गोपी

राधे तेरी कलियुग की गोपियाँ कलियुगी हो गयी,
दही माखन मिश्री छोड़ गुटका वाली हो गयी,
बात बात में करती हैं झगड़ा वो झगड़ालू हो गयी,
तंगी हो जीवन से भरा वो शान दिखाती नबाबी,
दोपहर में सोकर उठे आलसी ठाट नबाबी हो गयी,
काम काज भाए नही सासु झाड़ू पोछा बर्तन धोती,
मोबाईल पे समय बिताये वो तो फैशन वाली हो गयी,
सास ससुर बोले ज्यो अच्छे कर्म करो बहु नही बेटी हो,
आंखे दिखाती चिल्ला के बताती मैं ब्यूटी वाली हो गयी,
प्रेमी के संग झूठ बोलती करती गैर मर्दो से वो बाते,
प्रेमी बना के फिर धोखा देती वो हजारो की हो गयी,
प्रेम प्यार को खिलवाड़ समझती पुरूष बदलती पल में,
झूठी कहानी झूठी शान खुद को सच्चाई वाली हो गयी,
स्त्री धर्म को भ्रष्ट करके खुद को सती बताती है,
कुसंग छल कपट के बल वो संस्कारी हो गयी,

208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" इंसान "
Dr. Kishan tandon kranti
🙅मशवरा🙅
🙅मशवरा🙅
*प्रणय प्रभात*
*सज्जन (अमृतध्वनि छंद )*
*सज्जन (अमृतध्वनि छंद )*
Rambali Mishra
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
पूर्वार्थ
विकृतियों की गंध
विकृतियों की गंध
Kaushal Kishor Bhatt
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के,।
खट्टे मीठे पल जिन्दगी के,।
अनुराग दीक्षित
बंसत पचंमी
बंसत पचंमी
Ritu Asooja
और कितने दिन सहेंगें हम ये ग़ुरबतें
और कितने दिन सहेंगें हम ये ग़ुरबतें
Shweta Soni
तुम मानव नहीं हो!
तुम मानव नहीं हो!
आलोक कौशिक
MAYBE I'M MY OWN SOULMATE?
MAYBE I'M MY OWN SOULMATE?
Durva
पुरुष हूँ मैं
पुरुष हूँ मैं
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
छोड़ जाऊंगी
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बधाई
बधाई
Satish Srijan
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
हाँ, किसी के काबिल तो हूँ
हाँ, किसी के काबिल तो हूँ
Jitendra kumar
प्रणय मधुता
प्रणय मधुता
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
मेरी सिसकी,तेरी हँसी।
मेरी सिसकी,तेरी हँसी।
लक्ष्मी सिंह
बरसात
बरसात
manorath maharaj
The feeling of HIRAETH
The feeling of HIRAETH
Ritesh Paswan
जिस दिन मन उठ जाएगा इस दुनिया से  ...
जिस दिन मन उठ जाएगा इस दुनिया से ...
Vishal Prajapati
नई सोच
नई सोच
विक्रम सिंह
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Chaahat
बेशकीमती हँसी
बेशकीमती हँसी
हिमांशु Kulshrestha
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
Dr. Rajeev Jain
धूप और कोहरा
धूप और कोहरा
पं अंजू पांडेय अश्रु
"शोर है"
Lohit Tamta
आठवीं वर्षगांठ
आठवीं वर्षगांठ
Ghanshyam Poddar
4575.*पूर्णिका*
4575.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कलाकार
कलाकार
Shashi Mahajan
Loading...