कैसे यकीन करेगा कोई,
कैसे यकीन करेगा कोई,
इस रंगबिरंगी दुनिया में ।
जब गैरों की अपेक्षा यहाँ,
लोग अपनों से धोखा खाते हैं ।
कैसे यकीन करेगा कोई,
इस रंगबिरंगी दुनिया में ।
जब गैरों की अपेक्षा यहाँ,
लोग अपनों से धोखा खाते हैं ।