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6 Sep 2023 · 1 min read

कृष्ण जी के जन्म का वर्णन

थी भादो मास की अष्टमी,जब कृष्ण ने जन्म लिया था।
कंस की कारागार में देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया था।।

रात कारी अंधियारी थी,जन्मे जब कृष्ण मुरारी।
खुल गई बेड़ियां सारी,जब जन्में थे कृष्ण मुरारी।।

खुश वसुदेव देवकी, खुशियाँ जीवन में पधारी,
कंस के अंत की तब तो, हो गयी पूरी तैयारी।

खुल गए सब ताले झट से,सो गए दरबान सारे।
कान्हा को लेकर फिर,वसुदेव गोकुल में पधारे।।

छायी थी घन घोर घटायें,बिजली कड़कती जाएं
यमुना का जल भी देखो, हर पल बढ़ता ही जाएं।।

वसुदेव सब देख रहे थे,फिर भी हिम्मत वे न हारे।
कृष्णा को लेकर वो फिर,झट से बढ़ गए थे आगे।।

आगे वसुदेव जी चलते, कान्हा को सिर पे थामे।
पीछे थे शेष नाग जी,वो भी कान्हा को थे ढांके।।

गोकुल में जब वो आये, सबको सोते हुए पाए।
यशोदा की उठा के बेटी कृष्ण को वहाँ लिटाये।।

लेकर बेटी को फिर वासुदेव मथुरा जेल में आए।
कंस को पता लगा जब बेटी ने रोकर दिखाए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

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