"ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।
तुम केश तुम्हारे उड़ने दो
हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
हल्की बातों से आँखों का भर जाना
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आत्माभिव्यक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '