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25 Aug 2023 · 1 min read

*अज्ञानी की कलम*

अज्ञानी की कलम
इस जग में प्रज्ञान से लवलेश कम और कुप्रज्ञानी बहुत है।
मात-पिता और गुरु बाणी को अभिमानी जमजानी बहुत है।।
कुमार्गी कुसंगति सुसंगति को अज्ञानी अनजान हैं बने।
कुप्रथायें थोपकर एक से बढ़े एक हिन्दुस्तानी बहुत है।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी बुन्देलखण्ड

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