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22 Aug 2023 · 1 min read

:==:चिता की लपटे:==:

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जाग रही मरघट में चिता की लपटे!
अनन्त काल से- ये चिता की लपटे।
देखलो! मानव के अहंकार को भी-
भस्म कर रही है ये चिता की लपटे।।
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रचियता: प्रभुदयाल रानीवाल:====:
:====: उज्जैन{मध्यप्रदेश}:=====:
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Language: Hindi
832 Views
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