🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
यूँ दिल लगाने से पहले,तुम्हारे मंसूबे पता होते हमें
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सपने ना बंद आँखो में है ,
हनी गर्ल बनी 'यूनिसेफ' गर्ल
*किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)*
यह कैसी विडंबना है, जहाँ सत्य का अभाव है, ताड़का की प्रवृत्त
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और कन्य
सम्बन्धों की भीड़ में, अर्थ बना पहचान ।
उम्मीदें जब बॅंध जाती है किसी से...
मेरी नज़र में वो मुहब्बत भी कुछ न थी,
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर