जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
पिता जी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
आप देखो जो मुझे सीने लगाओ तभी
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सहकारी युग का 11 वाँ वर्ष 1969 - 70 : एक अध्ययन
खाली दिमाग़ ही शैतान का घर नहीं होता
एक तेरे चले जाने से कितनी
अरसे के बाद, तस्लीम किया उसने मुझे,
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
आज का दिन थोड़ा और आगे बढ़ गया उसकी यादों से,,,,