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4 Aug 2023 · 1 min read

सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको

सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
तो मैं पाता हूँ अजनबी तुझको
बुतपरस्ती है इश्क़ में जाइज़
पूजता हूँ कभी-कभी तुझको

—महावीर उत्तरांचली

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