Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2023 · 1 min read

यह कलयुग है

(शेर)- मानवता के खून का, दौर चल रहा है।
नीलाम करके इंसानियत, इंसान हंस रहा है।।
बन गया है इंसान अब एक कलपुर्जे की तरह।
मर चुकी है आत्मा,और कलयुग चल रहा है।।
———————————————————–
छोटी सी बात पे, बतंगड़ बन जाता है।
और झट से इंसान, शैतान बन जाता है।।
असहनशीलता – हिंसा का, यह कैसा युग है।
यह कलयुग है——————–(4)
छोटी सी बात पे———————।।

औलाद, माँ-बाप को बेघर कर रही है।
माँ-बाप के साथ में, मारपीट कर रही है।।
संस्कारहीनता- पापों, का, यह कैसा युग है।
यह कलयुग है——————–(4)
छोटी सी बात पे———————।।

मौत के मातम पे, मदिरा चल रही है।
अपनों के हाथों इज्जत, नारी की लुट रही है।।
रिश्तों की नीलामी – पशुता का, यह कैसा युग है।
यह कलयुग है———————(4)
छोटी सी बात पे ——————–।।

दया,शर्म, समझदारी, अब बहुत कम है।
मुल्क से वफादारी, इंसानियत कम है।।
व्यभिचार और गद्दारी का, यह कैसा युग है।
यह कलयुग है———————(4)
छोटी सी बात पे——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
Dr fauzia Naseem shad
एक सती सी
एक सती सी
Minal Aggarwal
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
हजरत अनस की शाहदत
हजरत अनस की शाहदत
Writer Ch Bilal
आशा जीवन
आशा जीवन
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
उन्होंने प्रेम को नही जाना,
उन्होंने प्रेम को नही जाना,
विनय कुमार करुणे
तेरे मेरे बीच में,
तेरे मेरे बीच में,
नेताम आर सी
🙏दोहा🙏
🙏दोहा🙏
राधेश्याम "रागी"
*दादू के पत्र*
*दादू के पत्र*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Shiv yadav
सबसे आसान है बहाने बनाकर खुद को समझाना। अपनी गलतियों पर खुद
सबसे आसान है बहाने बनाकर खुद को समझाना। अपनी गलतियों पर खुद
पूर्वार्थ
ठूँठ ......
ठूँठ ......
sushil sarna
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
मन की चुप्पी
मन की चुप्पी
Shashi Mahajan
4733.*पूर्णिका*
4733.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इश्क़ की दास्तां
इश्क़ की दास्तां
Lokesh Dangi
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आत्मविश्वास और आसमान आपको कभी भी अलग थलग नही होने देंगे।
आत्मविश्वास और आसमान आपको कभी भी अलग थलग नही होने देंगे।
Rj Anand Prajapati
sp96 आता हुआ बुढ़ापा
sp96 आता हुआ बुढ़ापा
Manoj Shrivastava
" हिन्दी "
Dr. Kishan tandon kranti
आ अब जेहन में बसी याद का हिस्सा मुक़र्रर कर लेते हैं
आ अब जेहन में बसी याद का हिस्सा मुक़र्रर कर लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
Rj Anand Prajapati
स्वार्थ (16)
स्वार्थ (16)
Mangu singh
मेरे जीवन का सार हो तुम।
मेरे जीवन का सार हो तुम।
अश्विनी (विप्र)
दारुबाज बाराती
दारुबाज बाराती
आकाश महेशपुरी
जनता
जनता
Sanjay ' शून्य'
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
Raju Gajbhiye
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सुन रे कन्हैया
सुन रे कन्हैया
Dr.sima
मेरे पूर्वज सच लिखकर भूखे सोते थे
मेरे पूर्वज सच लिखकर भूखे सोते थे
Ankita Patel
Loading...