नही आवड़ै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
संवाद
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
Zindagi mai mushkilo ka aana part of life hai aur unme sai h
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
लोग अब हमसे ख़फा रहते हैं
आँलम्पिक खेल...... भारतीय टीम
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
भूखों का कैसा हो वसंत / राजकुमार कुंभज