Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2023 · 1 min read

*पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)*

पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)
★★★★★★★★★★★★★★
नाता यह सबसे घना , इसमें है विश्वास
पत्नी-पति दो श्वास हैं ,किंतु एक आभास
किंतु एक आभास ,प्राण से ज्यादा चाहें
मंजिल इनकी एक , एक हैं जीवन राहें
कहते रवि कविराय ,धन्य रचयिता विधाता
मधुर भरा लालित्य ,बनाया अद्भुत नाता
—————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

🙅 *नाप-तोल ज़रूरी* 🙅
🙅 *नाप-तोल ज़रूरी* 🙅
*प्रणय प्रभात*
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
दिल का यह क़यास है शायद ।
दिल का यह क़यास है शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
वीणा-पाणि वंदना
वीणा-पाणि वंदना
राधेश्याम "रागी"
दुःख का भी अधिकार होता है
दुःख का भी अधिकार होता है
meenu yadav
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
RAMESH SHARMA
4325.💐 *पूर्णिका* 💐
4325.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो तमन्नाएं भी ज़िद पे उतर आईं हैं,
वो तमन्नाएं भी ज़िद पे उतर आईं हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
Ajit Kumar "Karn"
मर्ज ए इश्क़ ( इश्क़ -ए हक़ीक़ी पर आधारित )
मर्ज ए इश्क़ ( इश्क़ -ए हक़ीक़ी पर आधारित )
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग्रीष्म
ग्रीष्म
Kumud Srivastava
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
जाति-मजहब और देश
जाति-मजहब और देश
आकाश महेशपुरी
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्राकृतिक के बीच रहकर जो अहंकार करता है प्राकृतिक उसके अहंका
प्राकृतिक के बीच रहकर जो अहंकार करता है प्राकृतिक उसके अहंका
Rj Anand Prajapati
*प्यासा कौआ*
*प्यासा कौआ*
Dushyant Kumar
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
জয় শঙ্করের জয়
জয় শঙ্করের জয়
Arghyadeep Chakraborty
" रहस्मयी आत्मा "
Dr Meenu Poonia
नाटक
नाटक
Nitin Kulkarni
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
दर्द- ए- दिल
दर्द- ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
खूब निभायी दोस्ती ,
खूब निभायी दोस्ती ,
sushil sarna
वापस आना वीर
वापस आना वीर
लक्ष्मी सिंह
You learn when to read between the lines of true friendship
You learn when to read between the lines of true friendship
पूर्वार्थ देव
This is the situation
This is the situation
Otteri Selvakumar
किसी के साथ रहो तो वफादार बन के रहो, धोखा देना गिरे हुए लोगो
किसी के साथ रहो तो वफादार बन के रहो, धोखा देना गिरे हुए लोगो
Ranjeet kumar patre
दौड़ पैसे की
दौड़ पैसे की
Sanjay ' शून्य'
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
Loading...