Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 Jul 2023 · 1 min read

हौसला

दरख़्त देखती हूं, तो हौसला मिलता है,
पतझड़ में भी सीना तान कर खड़े हैं।

ख़ुद टूटकर भी बांटते रहे हैं ने’मतें,
इनके इरादे इनकी हदों से भी बड़े हैं।
-मोनिका

Loading...